Friday, December 6, 2019

आखिर सभी टेलिकॉम कम्पनीज ने प्लान्स महंगे क्यों किये ?


सभी जगह महंगाई बढ़ने के साथ, अब टेलीकॉम भी इससे अछूता नहीं रह है ।

अगर सच कहें, तो लोगों की जेब थोड़ी ढीली तो ज़रूर होगी, लेकिन टेलीकॉम सेक्टर के लिए ये बहुत बड़े सहारे की तरह है । 


पिछले कुछ दिनों में टेलीकॉम सेक्टर काफी फिनांशिएल दबाव में था । नई तकनीक, 4G और 5G की बढ़ती ज़रूरतें और ग्राहकों की संख्या और एक्सपेक्टशन्स को देखते हुए टेलीकॉम में इंवेस्टमेंट्स की ज़रूरत बहुत ज़्यादा थी, और इसलिये ये रेट्स तो बढ़ने ही थे ।
वैसे भी आपको शायद पता हो, कि भारत ही आज भी एक ऐसा देश है जहां टेलीकॉम रेट्स इतने कम हैं ।
अब ये बढ़त किसी भी वजह से हो लोगों को थोड़ी तकलीफ तो होगी, पर लंबे समय में ग्राहकों को बेहतर सेवा के रूप में ये फायदा पहुंचाएगा, ऐसी हम आशा कर सकते हैं ।
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Wednesday, December 4, 2019

लॉन्च हुए जिओ के नए प्लान्स । देखें, 6 दिसंबर से कितने का रिचार्ज पड़ेगा ।

दोस्तों,
जैसा हमने अपने पिछले ब्लॉग पोस्ट में बताया था, कि सभी कंपनीज़ अपने रीचार्ज की कीमत बढ़ा रही है ।
एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया ने पहले ही अपने रीचार्जस मार्किट में सेल करना शुरू कर दिए थे, और जिओ अपने नए रिचार्जस 6 दिसंबर से लॉन्च कर रहा है ।

उसकी डिटेल्स भी हमारे पास आ गयी हैं, और इसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि जिओ ने अभी भी बाकी ऑपरेटर्स से ज़्यादा बेनिफिट्स ही दिए हैं ।

तो देखिए जिओ के नए प्लान्स, और कमेंट में ज़रूर बताएं कि आपको ये प्लान्स कैसे लगे, अपने दोस्तों से भी शेयर करें और हमारा ब्लॉग ज़रूर सब्सक्राइब करें, ऐसे ही नई और फ़ास्ट कम्युनिकेशन्स के लिए ।




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धन्यवाद ।

Monday, December 2, 2019

Airtel, Idea, Jio, Vodafone new plans Dec 2019



दोस्तों,

टेलिकॉम में सभी कम्पनीज ने अपने प्लान्स  महंगे कर दिए हैं ! अब ये समझ नहीं आ रहा है की किस कंपनी का कौनसा प्लान लें ! तो दोस्तों हम यहाँ आपसे शेयर कर रहे हैं, सभी टेलिकॉम कम्पनीज के नए प्लान और कौनसा प्लान कितना महंगा हुआ है इसकी पूरी डिटेल.

इस ब्लॉग पेज को हम अपडेट करते रहेंगे और आपको टेलिकॉम प्लान्स की जानकारी देते रहेंगे ! तो अगर आप इससे अपडेट रहना चाहते हैं तो तुरंत अपनी mail id से सब्सक्राइब करें ! हम जो भी जानकारी होगी सबसे पहले आप तक पहुंचाते रहेंगे !

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Comparison Jio, Airtel, Vodafone Idea new plans

नीचे सभी कंपनीज के नए प्लान्स डिटेल् में दिए गए हैं ।

AIRTEL NEW PLANS DECEMBER 2019






IDEA NEW PLANS DECEMBER 2019



VODAFONE NEW PLAN DECEMBER 2019




JIO NEW PREPAID PLANS AND BENEFITS DECEMBER 2019








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कमेंट कर बताएं, आपको किस कंपनी के प्लान्स अच्छे लगे ।  😊

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gyan ki dukaan 



Sunday, November 17, 2019

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Monday, October 14, 2019

सबसे सस्ती वेबसाइट का जुगाड़

8000 रु साल से सिर्फ 799 रु साल के खर्च में वेबसाइट 

दोस्तों,
हम सभी की इच्छा होती है, हमारी भी कोई वेबसाइट हो, जिसके द्वारा हम कुछ एक्स्ट्रा इनकम कमा सकें !

हालाँकि वेबसाइट बनाना भी कोई बहुत मुश्किल काम नहीं रह गया है, और आप भी बहुत ही आसानी से कुछ ड्रैग and ड्राप टूल्स के माध्यम से वेबसाइट बना सकते हैं,

जैसे wordpress या wix.com के द्वारा !

इसमें आने वाला खर्च कुछ इस प्रकार होता है,

१) डोमेन नाम :- आपको अपनी वेबसाइट का जो भी नाम चुनना है वो आपको सालाना बेसिस पर पेमेंट के द्वारा लेना पड़ता है ! एक तरह से लीज पर मान लें ! जैसे मेरी वेबसाइट का नाम मैंने gyankidukaan चुना है ! तो ये मुझे godaddy या bigrock या किसी भी डोमेन नाम सेल् करने वाली कंपनी से लेना पड़ता है !

अब स्कीम में ये पहले साल तो आपको शायद 99 रु या 199 में मिल जाएगा पर अगले साल से ही आपको इसकी प्राइस 799 रु के आसपास पड़ेगी !

२) दूसरा बड़ा खर्च आता है वेबसाइट होस्टिंग स्पेस का ! आसान भाषा में वो जगह जहाँ आप अपनी वेबसाइट बनायेंगे ये आपको पहले साल करीब 5000 या 6000 रु  के आसपास पड़ेगी फिर दुसरे साल से सालाना करीब 8000 रु आपको देने पड़ेंगे ! और ये मैं बेसिक वेबसाइट की बात कर रहा हूँ !

मतलब टोटल करीब 9 से 10 हज़ार रु साल का खर्च आएगा ! और वो भी तब जब आप स्वयं वेबसाइट बनायेंगे ! जो इतना मुश्किल नहीं है !

मैंने भी पहले यही किया था ! और अपनी ब्लॉग्गिंग वेबसाइट gyankidukaan wordpress से बनायीं थी !
और हर साल करीब 10000 रु का खर्च करता था !

पर अब मैंने ये जुगाड़ अपनाया है,
मैंने सिर्फ डोमेन नाम का पैसा देने का निश्चय किया ! जो सिर्फ 800 रु साल के आसपास पड़ता है !
और अपने blogs को फ्री ब्लॉग्गिंग साईट ब्लॉगर.com पर बनाना शुरू कर दिया ! इससे मेरा साईट का मैक्सिमम खर्चा बच गया !

अब आप पूछेंगे तो मैंने डोमेन नाम क्यों ख़रीदा !

इसका कारण सिंपल है ! मैंने gyankidukaan डोमेन नाम लेकर उसमें डोमेन फोर्वार्डिंग की फैसिलिटी एक्टिवेट कर दी है ! और उसको अपने इस फ्री ब्लॉग gyankidukaan.blogspot.in पर फॉरवर्ड कर लिया है !

अब जो भी व्यक्ति ब्राउज़र में  gyankidukaan.in डालता है, वो सीधे मेरे इस ब्लॉग पर आ जाता है !

मैं भी अपने इसी एड्रेस नाम  gyankidukaan.in को ही फैला रहा हूँ ! ताकि यूजर को सिर्फ यही एड्रेस याद रहे !

 अब आगे भविष्य में मुझे लगा की मैं अपनी वेबसाइट का स्कोप और features बढ़ाना चाहता हूँ तो मैं अपनी wordpress वेबसाइट का होस्टिंग प्लान ले लूँगा और इस डोमेन नाम को उस वेबसाइट से लिंक कर दूंगा, तो मेरे यूजर को नाम सिर्फ gyankidukaan ही याद रखना होगा और वो सीधे मेरी नयी वेबसाइट पर पहुँच जाएगा !

इस तरह से अभी मैंने अपने 8000 रु साल की बचत कर ली और अपना पूरा ध्यान कंटेंट बनने और आप तक नयी बातें पहुँचाने में लगाना शुरू कर दिया है !

आपको मेरा ये आईडिया कैसा लगा कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं !

नीचे लिंक पर क्लिक करके आप मेरा ब्लॉग सब्सक्राइब कर सकते हैं, ताकि कोई भी नया gyan जब भी मैं पोस्ट करूं तो आप तक पहुँच जाएगा !

धन्यवाद दोस्तों !

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With Love,















Thursday, September 5, 2019

जिओ गीगा फाइबर के प्लान लॉन्च 5 सेप्टेम्बर

बहुप्रतीक्षित जिओ फाइबर
के मंथली प्रीपेड प्लान लांच हो गए हैं ।
इसकी डिटेल्स इस तरह से हैं । देखें विडियो !





Monday, July 29, 2019

साधारण और अ-साधारण में सिर्फ यही एक छोटा सा फर्क है !
लक्ष्य प्राप्ति के सफ़र में निरंतरता का महत्त्व यही बताया गया है ! हम बहुत समय तक कोशिश करते रहते हैं , समय बीतता जाता है, और लक्ष्य दूर दूर तक नज़र नहीं आता !
अंततः हमें लगता है कि हम तो बेकार ही भाग रहे हैं, हर व्यक्ति हमें समझा रहा है, कि ये लक्ष्य मूर्खतापूर्ण है, ऐसा नहीं हो सकता, पर हम फिर भी लगे हुए हैं !
और अंत में हम सोचते हैं कि सब सही ही कह रहे हैं, ये मूर्खता ही तो है ! ये निरंतरता, लक्ष्यप्राप्ति, बड़े लक्ष्य, बड़ी सोच सिर्फ किताबों में ही अच्छी लगती है ! ऐसा कुछ नहीं होता ! और हम अपनी राह छोड़ देते हैं !
बस एक गलती करते हैं ! हम सोचते हैं कि "अंत में" हमने ये निर्णय लिया !
पर क्या ये सचमुच अंत था ? या एक अंकुर बस फूटने ही वाला था, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत होने ही वाली थी जब हमने उस बीज को पानी देना बंद कर दिया !
हमें ये बात समझनी होगी, कि अंत तब तक नहीं है, जब तक हम हार नहीं मान लेते !
यदि हमारा लक्ष्य सही है, तो अंत तो तभी होगा जब लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा, और एक नयी शुरुआत होगी !
बस निरंतरता ! यही एक सत्य है ! हमें नहीं मालूम की हम बस पहुँचने ही वाले हैं , इसलिए हम हार नहीं मान सकते ! और जो मान लेते हैं वो बस अपने आपको "असाधारण" से "अ"समर्थ हुआ पाते हैं !
मेरे ब्लॉग और youtube चैनल gyan ki dukaan पर मुझे फॉलो कर सकते हैं ! लिंक मेरे डिस्क्रिप्शन में है !
आपकी इस विषय पर राय टिप्पणियों में बता सकते हैं !
धन्यवाद !

youtube :- मनोरंजन या मार्केटिंग ?

मनोरंजन और ज्ञान का शायद सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरा youtube क्या सचमुच सिर्फ मनोरंजन और gyan के लिए है या इसके पीछे कुछ और बड़ी शक्तियां किसी और उद्देश्य को लेकर काम क्र रही हैं !
सच्चाई तो यह है, यूट्यूब के बहुत सारे कंटेंट प्रोडक्ट या पर्सनल मार्केटिंग को ध्यान में रखते हुए बनाये जा रहे हैं ।
यह सर्व विदित तथ्य है कि यूट्यूब गूगल के बाद सबसे बड़ा सर्च इंजन हो चुका है, साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो साझा करने का प्लेटफार्म बन चुका है । रोज़ अरबों करोड़ो लोग यूट्यूब पर विजिट कर कुछ न कुछ कंटेंट देखते हैं ।
अब जहाँ इतने लोगों का आवागमन हो, वो जगह मार्केटिंग के लिए सबसे उपयुक्त होगी कि नहीं ।
इसकी तुलना करें दुनियाँ के एक बहुत बड़े मॉल से , जहां लाखों करोड़ों लोग कुछ न कुछ देखने, ढूंढने, मनोरंजन हेतु आते हैं, उस जगह अपनी प्रोडक्ट की मार्केटिंग कौन नहीं करना चाहेगा ?
वैसे ही यूट्यूब पर कंटेंट के साथ वीडियो एडवर्टिजमेंट के रूप में, अमेज़न लिंक के रूप में, प्रोडक्ट के डायरेक्ट / इनडाइरेक्ट रिव्यु के रूप में और भी तरह तरह के तरीकों से प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की जा रही है ।
अगर मैं कहूँ की 80–90% कंटेंट्स में कुछ न कुछ मार्केटिंग छुपी हुई है तो ये गलत न होगा ।
इसके अलावा राजनीतिक और धार्मिक मार्केटिंग भी यहाँ खूब चल रही है । आपको एक पार्टी या धर्म के प्रति अच्छी बातें मज़ेदार तरीके से या न्यूज़ के रूप में दिखाई जाएगी और आपके अंतः मन में उस दल या धर्म के प्रति अच्छे या बुरे बीज बो दिए जाएंगे । ये एक्यूट मार्केटिंग ही तो है ।
संक्षेप में यूट्यूब मार्केटिंग का बहुत बड़ा जरिया बन चुका है ।
आपकी इस पर क्या राय है, कमेंट्स सेक्शन में ज़रूर बताएं  ।
इमेज स्रोत गूगल

ज्योतिष - कितना सच कितना झूठ ?

ज्योतिष लैपटॉप पर टाइप करते हुए :- आपकी जन्मपत्री अभी निकाल देते हैं, आपका जन्म समय, स्थान और दिनाँक बताईये ।
मैं :- आगरा, 1 जून 1979, दोपहर 12 बजे ।
ज्योतिष :- ह्म्म्म आपकी जन्मपत्री में कालसर्प दोष है । इसका निवारण करना पड़ेगा ।
मैं :- क्या करना होगा ।
ज्योतिष :- उज्जैन में ये पूजा होती है, फलां पंडित या किसी से संपर्क कर सकते हैं ।
मैं :- परंतु मैंने ये पूजा करवाई हुई है ।
ज्योतिष :- अच्छा ? कब ? जो भी है शायद ठीक से नहीं हुई । फिर करवा लीजिये ।
मैं :- अच्छा, करवा लेता हूँ । क्या फिर लैपटॉप में कालसर्प दोष मुक्त हुआ दिखेगा ?
ज्योतिष :- हाँ, बिल्कुल ।
मैं :- पर अगली बार भी तो आप सिर्फ जन्म समय, दिनाँक और स्थान ही पूछेंगे न ? जैसे पिछले वाले पंडित ने पूछा था !
ज्योतिष :- तो ?
मैं :- तो लैपटॉप में जो प्रोग्राम है उसे कैसे मालूम पड़ेगा कि मैंने पूजा करवा ली है ? क्या पूजा करवाने वाले पंडित सॉफ्टवेयर में कुछ नया डेटा डालेंगे ?
ज्योतिष :- मतलब ?
मैं :- मतलब मैं जितना प्रोग्रामिंग जानता हूं, अगर आप सेम सॉफ्टवेयर में सेम डेटा डालेंगे तो रिजल्ट भी सेम ही आएगा, तो यहां पूजा करवाने के बाद भी मेरा जन्म समय, दिनाँक, स्थान वही रहना वाला है, तो मेरा दोष निवारण हो गया ये आपका लैपटॉप, और आप दोनों ही नहीं जान सकते । फिर जब भी कोई दूसरा ज्योतिष मेरी पत्री देखेगा तो उसे मेरा दोष निवारण नहीं नज़र आएगा, तो फिर इस सब से फायदा कैसे होगा ?
ज्योतिष (रुष्ट होते हुए) :- देखो भाई ये सब विश्वास की बात है अगर तुम कुतर्क करने लग जाओ तो उसका इलाज मेरे पास नहीं है । देख लीजिए माँजी (मेरी माँ से ) ….
माँ :- बेटा बेफिजूल बातें मत करो । पंडितजी सही कह रहे हैं । हम फिर से करवा लेंगे पूजा ।
मैं :- सिर झुकाकर, ठीक है माँ ।
……
ये सत्य घटना पर आधारित है ।
……
मैं ज्योतिष, जन्मपत्री इत्यादि में विश्वास नहीं करता ऐसा नहीं है, परंतु दृणता से इसके पक्ष में भी नहीं बोल सकता क्योंकि ज्योतिष, वास्तु और जन्मपत्री में बताई गई बातों से बहुत अलग होते हुए भी मैंने देखा है । मैंने कई घरों को टूटते देखा है जिनका विवाह जन्मपत्री मिलान के बाद हुआ था ।
और क्या जिन धर्मों में जन्म पत्री नहीं मिलाई जाती उनमें विवाह टूटने का औसत क्या बहुत ज़्यादा है ?
…….
मैं जानता हूँ ये सब कुतर्क है, और आखिरकार हमारी संस्कृति बहुत सम्पन्न है, भले ही उत्तर न मिले, कुतर्क करना तो ठीक नहीं है न ,
इसलिए आपके प्रश्न का उत्तर ये है, कि कृपया मांगलिक का विवाह मांगलिक से ही करें, या अपने निकटस्थ ज्योतिषी की सलाह लें, वो इसका तोड़ जानते ही होंगे, कुछ पैसे लेकर ज़रूर कर देंगे , फिर कोई दिक्कत नहीं होगी ।
…….…
मेरा सुझाव पसंद आया हो तो मुझे फॉलो करें । नहीं आया हो तो जैसा मन हो वैसा करें । :)☺️
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Saturday, July 13, 2019

एक किताब जो आपका भविष्य बदल सकती है !


ज़्यादातर लोग जीवन में सिर्फ इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि वे बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते ।
ONLY CHANGE IS CONSTANT IN THIS WORLD.
मेरा चीज़ किसने हटाया, या Who Moved my cheese एक ऐसी किताब है, जो आपको बदलाव को स्वीकार करना, और उसके साथ खुद को बदलना सिखाती है । वो भी एक छोटी सी कहानी के माध्यम से । ये बहुत ही छोटी सी एक पुस्तक है, जिसे आप चंद घण्टे में ही पढ़ सकते हैं । परंतु अगर इसकी सीख को आत्म साथ कर सके तो आपका जीवन बदल सकता है । हर व्यक्ति को चाहे बच्चा हो या बड़ा, ये पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए । 
मैंने इसके सार का एक छोटा सा वीडियो भी बनाया है, वो भी देख सकते हैं ।

भारत से इतने सारे लोग क्यों दूसरे देशों में जा कर बसना चाहते हैं?

सिर्फ पैसा ही वजह नहीं है ।
टैक्स सिस्टम और सिक्योरिटी ….
मेरे बड़े भाई और उनका परिवार कुछ 15 साल पहले अमेरिका में बस गए, वहीं उनका जॉब है और बच्चे भी वहीं बड़े हुए ।
कुछ समय पहले भाभी ने बताया कि भैया के रिटायरमेंट के बाद, (जो कि प्राइवेट नौकरी में हैं) न सिर्फ भैया को बल्कि भाभी (जो कि हाउसवाइफ हैं) को भी पेंशन मिलेगी । जो शायद लास्ट ड्रान सैलरी की 60% होती है ।
मैं ताज्जुब में रह गया । मुझे 17 साल हो गए प्राइवेट जॉब करते, हम भारतवासी कुछ नहीं तो सब मिलाकर, अपनी सैलरी का 50% हिस्सा टैक्स के रूप में दे देते हैं । इस हिसाब से मैं अब तक लाखों रुपये टैक्स में जमा कर चुका होऊंगा ।
पर खुदा न खास्ता, मेरे जैसे किसी प्राइवेट कर्मचारी की नौकरी चली जाए, तो वो दर-दर भटकने को मजबूर हो जाता है । कोई पुराना दिया टैक्स उसके कोई काम नहीं आता ।
और अगर ऐसा न भी हो तो रिटायरमेंट के बाद इस प्राइवेट कर्म opचारी को पूछने सरकार की कोई स्कीम नहीं आती। बेचारी गृहस्थी की मालकिन, हाउसवाइफ की तो बात ही छोड़ दें ।
तो मेरा मानना है, की ज़िंदगी और भविष्य की सिक्योरिटी एक बहुत बड़ी वजह है, जिसके कारण लोग पलायन करने चाहते हैं । ये सेक्युरिटी बाहर है, पर हमारे देश में नहीं है ।
साथ ही वर्क लाइफ बैलेंस की बात करें, तो यूरोपियन और अमेरिकन कन्ट्रीज में ये बहुत ज़्यादा है, भारत में एम्प्लाइज का शोषण बहुत ज़्यादा है । चाहे वो वर्किंग ऑवर हों या छुट्टियां ।

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Wednesday, July 10, 2019

क्या अच्छा होना बेवकूफी है ?

क्या अच्छा होना बेवकूफी है ?

मुझे लगता है कि आपको अच्छा होना ही चाहिए, परंतु तब तक जब तक कि कोई आपका फायदा न उठाने लगे ।
किसी के लिए अच्छे बनने के चक्कर में खुद को पायदान न बनने दें ।
दूसरों की सहायता करना बहुत अच्छी बात है, पर इसका मतलब वो आपको फ़ॉर ग्रांटेड (आसानी से उपलब्ध) न लेने लगें ।
इस पर एक बहुत अच्छी किताब है जिसका नाम है, No More Mr. Nice Guy.
मैंने इस किताब का हिंदी में सार अपने एक वीडियो में दिया है, आप उसे भी देख सकते हैं।



बाकी अच्छा या सरल होना अपने आप में एक बहुत अच्छी बात है, परंतु हमें ये ध्यान रखना होगा, कि बाकी दुनियाँ में सभी लोग सरल नहीं हैं, और वो आपका उपयोग अपने फायदे के लिए कर सकते हैं । आप सरल और निश्छल होने के कारण, भलमनसाहत में उनकी सहायता करते हैं, परंतु उनके हिसाब से वो आपको बेवकूफ बना रहे हैं ।
इसलिए ध्यान रखने वाली बात ये है कि आप सरल रहें परंतु दूसरों के उद्देश्यों को भी समझते रहें ।
वो कहते हैं न कि "आप शाकाहारी हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि शेर आपको नहीं खायेगा।" अतः सबको अपने जैसा समझने की भूल न करें । फिर सरल रहते हुए भी कोई आपको बेवकूफ नहीं बना सकेगा ।

Thursday, July 4, 2019

व्हाट्स एप बिना विज्ञापन कैसे बना हज़ारों करोड़ का ?

मुझे याद है, व्हाट्स एप मैंने  अब से कुछ 8 साल पहले सबसे पहले इस्तेमाल किया था ।


उसके पहले हम फ़ोन से इमेज इत्यादि ट्रांसफर करने के लिए ब्लूटूथ, या एक आध फ़ाइल ट्रांसफर एप, जो कि इतने कारगर नहीं थे उनका इस्तेमाल करते थे । कुछ जगहों पर ईमेल करके भी डेटा ट्रांसफर किया जाता था ।

ये तब की बात है, जब ज़्यादातर लोग 2G ही इस्तेमाल करते थे, बहुत हुआ तो कुछेक गिनती के लोगों के पास 3G होता था ।
मेरे भाई ने मुझे ये व्हाट्स एप इंस्टाल करवाया और कुछ पिक्चर्स (images) भेजीं । वो फटाफट ट्रांसफर हो गईं । और सच मानिए मैं बहुत ही ज़्यादा इम्प्रेस हुआ । 

मेरे भाई ने बताया कि ये एक साल फ्री है, उसके बाद कुछ 36 रु के आसपास लगेंगे साल भर के, लेकिन उसमें भी ये वैल्यू फ़ॉर मनी है ।
धीमे धीमे ये अपनी फ़ास्ट डेटा ट्रासंफर, इमोजी इत्यादि के कारण लोकप्रिय होता चला गया । अपने विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से चैट करना, उन्हें अपनी फोटोज भेजना बहुत ही सुविधाजनक हो गया ।
कुछ ही समय में, संभावनाएं देखते हुए, फेसबुक ने इसको खरीद लिया । 

बिना विज्ञापन के ये इतना लोकप्रिय कैसे हो गया ?


केवल व्हाट्स एप ही नहीं, ऐसे बहुत सारे प्रोडक्ट्स आपको मिलेंगे (फेसबुक को ही ले लें), जिन्होंने विज्ञापन पर कोई खर्च न करते हुए लोकप्रियता हासिल की ।
इसका सबसे बड़ा कारण है, कि आपका प्रोडक्ट अगर लोगों की कोई प्रॉब्लम सॉल्व करता है, और बेहतर तरीके से लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करता है, तो उसका लोकप्रिय होना तय है ।

व्हाट्स एप ने लोगों की इस मुश्किल, की कैसे दूर बैठे व्यक्ति के पास अपना डेटा (पिक्चर्स, वीडियो इत्यादि) को फास्टेस्ट वे में भेज जा सकता है को सॉल्व किया और आज वो messaging का बादशाह है ।
आप अगर इस तरह की ज्ञानवर्धक और मनोरंजक पोस्ट्स पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमारा ब्लॉग पोस्ट सब्सक्राइब ज़रूर करें !




पैसा कमाने के लिए सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म !

अमेज़न एफिलिएट प्रोग्राम
अपने पास कोई प्रोडक्ट न होते हुए भी आप बस लिंक शेयर करके पैसे कमा सकते हैं, अगर कोई आपके लिंक से खरीदता है तो ।
यूट्यूब
वीडियोस और कंटेंट का सबसे बड़ा प्लेटफार्म।
आप यहां अपना कंटेंट और क्रिएटिविटी दिखा सकते हैं और यूट्यूब विज्ञापन के द्वारा पैसे कमा सकते हैं ।
ब्लॉगिंग
अगर अच्छा लिख लेते हैं तो लोगों तक अपने ब्लॉग्स के द्वारा अपनी बात पहुंचाएं, उनकी समस्या का समाधान करें, जैसे ही आपके ब्लॉग पर विज़िटर्स बढ़ेंगे आपको गूगल एडसेंस से ऐड मिल सकते हैं ।

Sunday, June 16, 2019

youtube को youtube क्यों कहते हैं ?


YouTube (जो आज Google के स्वामित्व में है ) ने एक लंबा सफर तय किया है क्योंकि इस लोकप्रिय विडियो शेयरिंग साइट का विचार पहली बार 2005 में, तीन लोगों को  सैन फ्रांसिस्को की एक डिनर पार्टी में आया था।

Click here for English Translation




इसके तीन संस्थापकों, चाड हर्ले, स्टीव चेन, और जावेद करीम (ये सब उस समय पेपल के सभी शुरुआती कर्मचारी थे ) ने विडियो सर्च , देखने और शेयर करने की कठिनाई पर विचार किया । हर्ले ने एक प्रारंभिक साक्षात्कार में कहा, "लोग अपने सेल फोन पर वीडियो क्लिप एकत्र कर रहे थे ... लेकिन शेयर करने का कोई आसान तरीका नहीं था।"

YouTube ने एक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के रूप में शुरू किया ! इसकी शुरुआत सिलिकॉन वैली की सबसे लाभदायक पूंजी निवेश फर्मों में से एक Sequoia कैपिटल के द्वारा किए गए 11.5 मिलियन डॉलर के निवेश के कारण हुई।
जैसा कि अपेक्षित था, साइट अपने पहले वर्ष के भीतर तेजी से बढ़ी।

YouTube द्वारा अपना सार्वजनिक बीटा परीक्षण शुरू करने के कुछ ही महीनों बाद, साइट को हर दिन 100 मिलियन से अधिक बार और 65,000 नए वीडियो प्राप्त हुए। आज? आज हर एक मिनट में 100 घंटे का वीडियो YouTube पर अपलोड किया जाता है!

तो इस प्यारी वेबसाइट को इसका नाम कहां से मिला? आइए जानें कि YouTube को YouTube क्यों कहा जाता है और YouTube ने कैसे "वायरल" को एक नया अर्थ दिया है।

इसे YouTube क्यों कहा जाता है?
"YouTube" नाम वास्तव में बहुत सीधा है। “YOU" यह दर्शाता है कि कंटेंट उपयोगकर्ता द्वारा बनाई गई है, न कि साइट के द्वारा और "ट्यूब" टेलीविजन के लिए एक पुराने मूल शब्द की ओर इशारा है। पहले जब टीवी नए थे,
तब उसमें  कैथोड रे "ट्यूब" का उपयोग करते थे।
YouTube के इतिहास की शुरुआत में, हालांकि, इससे कुछ समस्याएं हुईं। 2006 में, यूनिवर्सल ट्यूब एंड रोलफॉर्म इक्विपमेंट नाम की एक और कंपनी, जिसकी वेबसाइट का नाम www.utube.com था, ने YouTube के खिलाफ मुकदमा दायर किया। नतीजा? तब से कंपनी ने अपना नाम बदलकर www.utubeonline.com कर लिया है। इस शुरुआती परेशानी के बाद से, YouTube नाम पॉपुलर और मजबूत हो गया है;
यह साइट अब 75 देशों में है और 61 भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें प्रत्येक मिनट में सैकड़ों घंटे के वीडियो अपलोड किए जाते हैं!

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धन्यवाद !

खुश रहना सरल है, कैसे ? देखें यह वीडियो ।

4 वो तरीके जिसके बाद आप हमेशा खुश रहेंगे । Watch this video... Its Simple to be Happy |  खुश रहना सरल है !