Monday, July 29, 2019

साधारण और अ-साधारण में सिर्फ यही एक छोटा सा फर्क है !
लक्ष्य प्राप्ति के सफ़र में निरंतरता का महत्त्व यही बताया गया है ! हम बहुत समय तक कोशिश करते रहते हैं , समय बीतता जाता है, और लक्ष्य दूर दूर तक नज़र नहीं आता !
अंततः हमें लगता है कि हम तो बेकार ही भाग रहे हैं, हर व्यक्ति हमें समझा रहा है, कि ये लक्ष्य मूर्खतापूर्ण है, ऐसा नहीं हो सकता, पर हम फिर भी लगे हुए हैं !
और अंत में हम सोचते हैं कि सब सही ही कह रहे हैं, ये मूर्खता ही तो है ! ये निरंतरता, लक्ष्यप्राप्ति, बड़े लक्ष्य, बड़ी सोच सिर्फ किताबों में ही अच्छी लगती है ! ऐसा कुछ नहीं होता ! और हम अपनी राह छोड़ देते हैं !
बस एक गलती करते हैं ! हम सोचते हैं कि "अंत में" हमने ये निर्णय लिया !
पर क्या ये सचमुच अंत था ? या एक अंकुर बस फूटने ही वाला था, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत होने ही वाली थी जब हमने उस बीज को पानी देना बंद कर दिया !
हमें ये बात समझनी होगी, कि अंत तब तक नहीं है, जब तक हम हार नहीं मान लेते !
यदि हमारा लक्ष्य सही है, तो अंत तो तभी होगा जब लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा, और एक नयी शुरुआत होगी !
बस निरंतरता ! यही एक सत्य है ! हमें नहीं मालूम की हम बस पहुँचने ही वाले हैं , इसलिए हम हार नहीं मान सकते ! और जो मान लेते हैं वो बस अपने आपको "असाधारण" से "अ"समर्थ हुआ पाते हैं !
मेरे ब्लॉग और youtube चैनल gyan ki dukaan पर मुझे फॉलो कर सकते हैं ! लिंक मेरे डिस्क्रिप्शन में है !
आपकी इस विषय पर राय टिप्पणियों में बता सकते हैं !
धन्यवाद !

youtube :- मनोरंजन या मार्केटिंग ?

मनोरंजन और ज्ञान का शायद सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरा youtube क्या सचमुच सिर्फ मनोरंजन और gyan के लिए है या इसके पीछे कुछ और बड़ी शक्तियां किसी और उद्देश्य को लेकर काम क्र रही हैं !
सच्चाई तो यह है, यूट्यूब के बहुत सारे कंटेंट प्रोडक्ट या पर्सनल मार्केटिंग को ध्यान में रखते हुए बनाये जा रहे हैं ।
यह सर्व विदित तथ्य है कि यूट्यूब गूगल के बाद सबसे बड़ा सर्च इंजन हो चुका है, साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो साझा करने का प्लेटफार्म बन चुका है । रोज़ अरबों करोड़ो लोग यूट्यूब पर विजिट कर कुछ न कुछ कंटेंट देखते हैं ।
अब जहाँ इतने लोगों का आवागमन हो, वो जगह मार्केटिंग के लिए सबसे उपयुक्त होगी कि नहीं ।
इसकी तुलना करें दुनियाँ के एक बहुत बड़े मॉल से , जहां लाखों करोड़ों लोग कुछ न कुछ देखने, ढूंढने, मनोरंजन हेतु आते हैं, उस जगह अपनी प्रोडक्ट की मार्केटिंग कौन नहीं करना चाहेगा ?
वैसे ही यूट्यूब पर कंटेंट के साथ वीडियो एडवर्टिजमेंट के रूप में, अमेज़न लिंक के रूप में, प्रोडक्ट के डायरेक्ट / इनडाइरेक्ट रिव्यु के रूप में और भी तरह तरह के तरीकों से प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की जा रही है ।
अगर मैं कहूँ की 80–90% कंटेंट्स में कुछ न कुछ मार्केटिंग छुपी हुई है तो ये गलत न होगा ।
इसके अलावा राजनीतिक और धार्मिक मार्केटिंग भी यहाँ खूब चल रही है । आपको एक पार्टी या धर्म के प्रति अच्छी बातें मज़ेदार तरीके से या न्यूज़ के रूप में दिखाई जाएगी और आपके अंतः मन में उस दल या धर्म के प्रति अच्छे या बुरे बीज बो दिए जाएंगे । ये एक्यूट मार्केटिंग ही तो है ।
संक्षेप में यूट्यूब मार्केटिंग का बहुत बड़ा जरिया बन चुका है ।
आपकी इस पर क्या राय है, कमेंट्स सेक्शन में ज़रूर बताएं  ।
इमेज स्रोत गूगल

ज्योतिष - कितना सच कितना झूठ ?

ज्योतिष लैपटॉप पर टाइप करते हुए :- आपकी जन्मपत्री अभी निकाल देते हैं, आपका जन्म समय, स्थान और दिनाँक बताईये ।
मैं :- आगरा, 1 जून 1979, दोपहर 12 बजे ।
ज्योतिष :- ह्म्म्म आपकी जन्मपत्री में कालसर्प दोष है । इसका निवारण करना पड़ेगा ।
मैं :- क्या करना होगा ।
ज्योतिष :- उज्जैन में ये पूजा होती है, फलां पंडित या किसी से संपर्क कर सकते हैं ।
मैं :- परंतु मैंने ये पूजा करवाई हुई है ।
ज्योतिष :- अच्छा ? कब ? जो भी है शायद ठीक से नहीं हुई । फिर करवा लीजिये ।
मैं :- अच्छा, करवा लेता हूँ । क्या फिर लैपटॉप में कालसर्प दोष मुक्त हुआ दिखेगा ?
ज्योतिष :- हाँ, बिल्कुल ।
मैं :- पर अगली बार भी तो आप सिर्फ जन्म समय, दिनाँक और स्थान ही पूछेंगे न ? जैसे पिछले वाले पंडित ने पूछा था !
ज्योतिष :- तो ?
मैं :- तो लैपटॉप में जो प्रोग्राम है उसे कैसे मालूम पड़ेगा कि मैंने पूजा करवा ली है ? क्या पूजा करवाने वाले पंडित सॉफ्टवेयर में कुछ नया डेटा डालेंगे ?
ज्योतिष :- मतलब ?
मैं :- मतलब मैं जितना प्रोग्रामिंग जानता हूं, अगर आप सेम सॉफ्टवेयर में सेम डेटा डालेंगे तो रिजल्ट भी सेम ही आएगा, तो यहां पूजा करवाने के बाद भी मेरा जन्म समय, दिनाँक, स्थान वही रहना वाला है, तो मेरा दोष निवारण हो गया ये आपका लैपटॉप, और आप दोनों ही नहीं जान सकते । फिर जब भी कोई दूसरा ज्योतिष मेरी पत्री देखेगा तो उसे मेरा दोष निवारण नहीं नज़र आएगा, तो फिर इस सब से फायदा कैसे होगा ?
ज्योतिष (रुष्ट होते हुए) :- देखो भाई ये सब विश्वास की बात है अगर तुम कुतर्क करने लग जाओ तो उसका इलाज मेरे पास नहीं है । देख लीजिए माँजी (मेरी माँ से ) ….
माँ :- बेटा बेफिजूल बातें मत करो । पंडितजी सही कह रहे हैं । हम फिर से करवा लेंगे पूजा ।
मैं :- सिर झुकाकर, ठीक है माँ ।
……
ये सत्य घटना पर आधारित है ।
……
मैं ज्योतिष, जन्मपत्री इत्यादि में विश्वास नहीं करता ऐसा नहीं है, परंतु दृणता से इसके पक्ष में भी नहीं बोल सकता क्योंकि ज्योतिष, वास्तु और जन्मपत्री में बताई गई बातों से बहुत अलग होते हुए भी मैंने देखा है । मैंने कई घरों को टूटते देखा है जिनका विवाह जन्मपत्री मिलान के बाद हुआ था ।
और क्या जिन धर्मों में जन्म पत्री नहीं मिलाई जाती उनमें विवाह टूटने का औसत क्या बहुत ज़्यादा है ?
…….
मैं जानता हूँ ये सब कुतर्क है, और आखिरकार हमारी संस्कृति बहुत सम्पन्न है, भले ही उत्तर न मिले, कुतर्क करना तो ठीक नहीं है न ,
इसलिए आपके प्रश्न का उत्तर ये है, कि कृपया मांगलिक का विवाह मांगलिक से ही करें, या अपने निकटस्थ ज्योतिषी की सलाह लें, वो इसका तोड़ जानते ही होंगे, कुछ पैसे लेकर ज़रूर कर देंगे , फिर कोई दिक्कत नहीं होगी ।
…….…
मेरा सुझाव पसंद आया हो तो मुझे फॉलो करें । नहीं आया हो तो जैसा मन हो वैसा करें । :)☺️
Subscribe my blog for more interesting contents like this.

Saturday, July 13, 2019

एक किताब जो आपका भविष्य बदल सकती है !


ज़्यादातर लोग जीवन में सिर्फ इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि वे बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते ।
ONLY CHANGE IS CONSTANT IN THIS WORLD.
मेरा चीज़ किसने हटाया, या Who Moved my cheese एक ऐसी किताब है, जो आपको बदलाव को स्वीकार करना, और उसके साथ खुद को बदलना सिखाती है । वो भी एक छोटी सी कहानी के माध्यम से । ये बहुत ही छोटी सी एक पुस्तक है, जिसे आप चंद घण्टे में ही पढ़ सकते हैं । परंतु अगर इसकी सीख को आत्म साथ कर सके तो आपका जीवन बदल सकता है । हर व्यक्ति को चाहे बच्चा हो या बड़ा, ये पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए । 
मैंने इसके सार का एक छोटा सा वीडियो भी बनाया है, वो भी देख सकते हैं ।

भारत से इतने सारे लोग क्यों दूसरे देशों में जा कर बसना चाहते हैं?

सिर्फ पैसा ही वजह नहीं है ।
टैक्स सिस्टम और सिक्योरिटी ….
मेरे बड़े भाई और उनका परिवार कुछ 15 साल पहले अमेरिका में बस गए, वहीं उनका जॉब है और बच्चे भी वहीं बड़े हुए ।
कुछ समय पहले भाभी ने बताया कि भैया के रिटायरमेंट के बाद, (जो कि प्राइवेट नौकरी में हैं) न सिर्फ भैया को बल्कि भाभी (जो कि हाउसवाइफ हैं) को भी पेंशन मिलेगी । जो शायद लास्ट ड्रान सैलरी की 60% होती है ।
मैं ताज्जुब में रह गया । मुझे 17 साल हो गए प्राइवेट जॉब करते, हम भारतवासी कुछ नहीं तो सब मिलाकर, अपनी सैलरी का 50% हिस्सा टैक्स के रूप में दे देते हैं । इस हिसाब से मैं अब तक लाखों रुपये टैक्स में जमा कर चुका होऊंगा ।
पर खुदा न खास्ता, मेरे जैसे किसी प्राइवेट कर्मचारी की नौकरी चली जाए, तो वो दर-दर भटकने को मजबूर हो जाता है । कोई पुराना दिया टैक्स उसके कोई काम नहीं आता ।
और अगर ऐसा न भी हो तो रिटायरमेंट के बाद इस प्राइवेट कर्म opचारी को पूछने सरकार की कोई स्कीम नहीं आती। बेचारी गृहस्थी की मालकिन, हाउसवाइफ की तो बात ही छोड़ दें ।
तो मेरा मानना है, की ज़िंदगी और भविष्य की सिक्योरिटी एक बहुत बड़ी वजह है, जिसके कारण लोग पलायन करने चाहते हैं । ये सेक्युरिटी बाहर है, पर हमारे देश में नहीं है ।
साथ ही वर्क लाइफ बैलेंस की बात करें, तो यूरोपियन और अमेरिकन कन्ट्रीज में ये बहुत ज़्यादा है, भारत में एम्प्लाइज का शोषण बहुत ज़्यादा है । चाहे वो वर्किंग ऑवर हों या छुट्टियां ।

SUBSCRIBE MY Blog for new thoughts and ideas

Wednesday, July 10, 2019

क्या अच्छा होना बेवकूफी है ?

क्या अच्छा होना बेवकूफी है ?

मुझे लगता है कि आपको अच्छा होना ही चाहिए, परंतु तब तक जब तक कि कोई आपका फायदा न उठाने लगे ।
किसी के लिए अच्छे बनने के चक्कर में खुद को पायदान न बनने दें ।
दूसरों की सहायता करना बहुत अच्छी बात है, पर इसका मतलब वो आपको फ़ॉर ग्रांटेड (आसानी से उपलब्ध) न लेने लगें ।
इस पर एक बहुत अच्छी किताब है जिसका नाम है, No More Mr. Nice Guy.
मैंने इस किताब का हिंदी में सार अपने एक वीडियो में दिया है, आप उसे भी देख सकते हैं।



बाकी अच्छा या सरल होना अपने आप में एक बहुत अच्छी बात है, परंतु हमें ये ध्यान रखना होगा, कि बाकी दुनियाँ में सभी लोग सरल नहीं हैं, और वो आपका उपयोग अपने फायदे के लिए कर सकते हैं । आप सरल और निश्छल होने के कारण, भलमनसाहत में उनकी सहायता करते हैं, परंतु उनके हिसाब से वो आपको बेवकूफ बना रहे हैं ।
इसलिए ध्यान रखने वाली बात ये है कि आप सरल रहें परंतु दूसरों के उद्देश्यों को भी समझते रहें ।
वो कहते हैं न कि "आप शाकाहारी हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि शेर आपको नहीं खायेगा।" अतः सबको अपने जैसा समझने की भूल न करें । फिर सरल रहते हुए भी कोई आपको बेवकूफ नहीं बना सकेगा ।

Thursday, July 4, 2019

व्हाट्स एप बिना विज्ञापन कैसे बना हज़ारों करोड़ का ?

मुझे याद है, व्हाट्स एप मैंने  अब से कुछ 8 साल पहले सबसे पहले इस्तेमाल किया था ।


उसके पहले हम फ़ोन से इमेज इत्यादि ट्रांसफर करने के लिए ब्लूटूथ, या एक आध फ़ाइल ट्रांसफर एप, जो कि इतने कारगर नहीं थे उनका इस्तेमाल करते थे । कुछ जगहों पर ईमेल करके भी डेटा ट्रांसफर किया जाता था ।

ये तब की बात है, जब ज़्यादातर लोग 2G ही इस्तेमाल करते थे, बहुत हुआ तो कुछेक गिनती के लोगों के पास 3G होता था ।
मेरे भाई ने मुझे ये व्हाट्स एप इंस्टाल करवाया और कुछ पिक्चर्स (images) भेजीं । वो फटाफट ट्रांसफर हो गईं । और सच मानिए मैं बहुत ही ज़्यादा इम्प्रेस हुआ । 

मेरे भाई ने बताया कि ये एक साल फ्री है, उसके बाद कुछ 36 रु के आसपास लगेंगे साल भर के, लेकिन उसमें भी ये वैल्यू फ़ॉर मनी है ।
धीमे धीमे ये अपनी फ़ास्ट डेटा ट्रासंफर, इमोजी इत्यादि के कारण लोकप्रिय होता चला गया । अपने विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से चैट करना, उन्हें अपनी फोटोज भेजना बहुत ही सुविधाजनक हो गया ।
कुछ ही समय में, संभावनाएं देखते हुए, फेसबुक ने इसको खरीद लिया । 

बिना विज्ञापन के ये इतना लोकप्रिय कैसे हो गया ?


केवल व्हाट्स एप ही नहीं, ऐसे बहुत सारे प्रोडक्ट्स आपको मिलेंगे (फेसबुक को ही ले लें), जिन्होंने विज्ञापन पर कोई खर्च न करते हुए लोकप्रियता हासिल की ।
इसका सबसे बड़ा कारण है, कि आपका प्रोडक्ट अगर लोगों की कोई प्रॉब्लम सॉल्व करता है, और बेहतर तरीके से लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करता है, तो उसका लोकप्रिय होना तय है ।

व्हाट्स एप ने लोगों की इस मुश्किल, की कैसे दूर बैठे व्यक्ति के पास अपना डेटा (पिक्चर्स, वीडियो इत्यादि) को फास्टेस्ट वे में भेज जा सकता है को सॉल्व किया और आज वो messaging का बादशाह है ।
आप अगर इस तरह की ज्ञानवर्धक और मनोरंजक पोस्ट्स पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमारा ब्लॉग पोस्ट सब्सक्राइब ज़रूर करें !




पैसा कमाने के लिए सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म !

अमेज़न एफिलिएट प्रोग्राम
अपने पास कोई प्रोडक्ट न होते हुए भी आप बस लिंक शेयर करके पैसे कमा सकते हैं, अगर कोई आपके लिंक से खरीदता है तो ।
यूट्यूब
वीडियोस और कंटेंट का सबसे बड़ा प्लेटफार्म।
आप यहां अपना कंटेंट और क्रिएटिविटी दिखा सकते हैं और यूट्यूब विज्ञापन के द्वारा पैसे कमा सकते हैं ।
ब्लॉगिंग
अगर अच्छा लिख लेते हैं तो लोगों तक अपने ब्लॉग्स के द्वारा अपनी बात पहुंचाएं, उनकी समस्या का समाधान करें, जैसे ही आपके ब्लॉग पर विज़िटर्स बढ़ेंगे आपको गूगल एडसेंस से ऐड मिल सकते हैं ।

खुश रहना सरल है, कैसे ? देखें यह वीडियो ।

4 वो तरीके जिसके बाद आप हमेशा खुश रहेंगे । Watch this video... Its Simple to be Happy |  खुश रहना सरल है !